Citizenship Amendment Act Explained | क्या है नागरिकता संशोधन अधिनियम ? | CAA | NRC | Creator sanni
Citizenship Amendment Act Explained : मुस्लिम भाइयों को भड़काया जा रहा है देश में किसी की भी नागरिकता सीए छिन ही नहीं सकता क्योंकि कानून में प्रोविजन ही नहीं है सीएए जो शरणार्थी आए हैं पाकिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना के कारण उनको नागरिकता देने का कानून है और मैं मानता हूं इसमें किसी का विरोध नहीं होना तो बस फाइनली सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट 2019 लागू हो ही गया इसके इंप्लीमेंट होने के साथ ही वाहो का दौर भी शुरू हो गया है एक लॉबी ने फिर से यह झूठ फैलाना शुरू कर दिया है कि इस अमेंडमेंट के लागू होने के बाद से भारतीय मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी उनसे उनके दस्तावेज मांगे जाएंगे खबर आने के बाद से लगातार एक कोशिश की जा रही है कि इस कानून के नाम पर देश के मुसलमानों को भड़काया जाए मगर यकीन मानिए दोस्तों ऐसा कुछ भी नहीं है तो क्या है नागरिकता संशोधन अधिनियम इसके लागू होने से किस-किस को फायदा होगा क्या यह कानून भारतीय मुसलमानों के खिलाफ है आइए एक-एक करके इन तमाम सवालों के जवाब देते हैं
caa act in hindi
गृहमंत्री जी सीएए कब लागू होगा सीएए ये देश का कानून है पत्थर पर लकीर है ये वास्तविकता है ये लागू होगा ही होगा और इस चुनाव के पहले हो इसको कोई नहीं लोक स तो दोस्तों जैसा कि हमने आपको बताया 11 मार्च 2024 को एक अधिसूचना लाकर केंद्र सरकार ने सीएए 2019 को लागू कर दिया इस एक्ट के लागू होने के बाद से पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू सिख बौद्ध पारसी ईसाई और जैन के लोगों को भारत की नागरिकता देने का रास्ता साफ हो गया इस कानून को लाने के पीछे भारत सरकार का मकसद यह है कि ऐसे गैर मुस्लिम जिनका इन तीन मुस्लिम देशों में धर्म के आधार पर अगर उत्पीड़न हुआ है उन्हें भारत की नागरिकता दी जाए इस कानून के अंडर कोई भी नॉन मुस्लिम जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आया है व सरकारी पोर्टल पर जाकर भारतीय नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकता है उसे बस यह बताना होगा कि वह भारत कब आया आपको बता दें 1947 में पाकिस्तान ब बनने के 2 साल बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली खान और भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी के बीच एक समझौता हुआ था
इस समझौते में दोनों देशों ने इस बात का आश्वासन दिया था कि वह अपने देश में रह रही माइनॉरिटी को पूरी सुरक्षा देंगी मगर इतने सालों में पाकिस्तान और बाद में उससे निकलकर बने बांग्लादेश में हिंदू सिखों और बाकी माइनॉरिटी की क्या हालत हुई ये किसी से छिपी नहीं है पाकिस्तान में हिंदुओं की हालत का तो इसी से अंदाजा लगाइए कि पाकिस्तान के पहले कानून मंत्री एक दलित हिंदू जोगेंद्रनाथ मंडल थे मगर पाकिस्तान में अपने साथ हुए बुरे सलूक के चलते वो 1950 में वापस भारत आ गए और बाकी जिंदगी बंगाल में गुमनामी की जिंदगी बिताने को मजबूर हो गए भारत में बहुत सारे लोगों का मानना था कि पाकिस्तान ने नेहरू लियाकत समझौते के तहत अपनी माइनॉरिटी को सिक्योरिटी नहीं दी थी इसलिए यह भारत का फर्ज है कि वो इन देशों में रहने वाले हिंदू सिखों और बाकी अल्पसंख्यकों को सुरक्षा दी अब आता है सबसे बड़ा सवाल या ऐसा मुद्दा जिसे लेकर लगातार अफवाहें फैलाई जा रही है कुछ लोग लगातार यह झूठ फैला रहे हैं कि ये कानून भारतीय मुसलमानों के के खिलाफ है इससे पहले कि हम उस झूठ की पोल खोले आपको यह बता दें कि बहुत सारे लोगों ने वैसे प्रिडिक्ट कर लिया था कि केंद्र सरकार चुनाव से पहले सीएए को लेकर नोटिफिकेशन ले ही आएगी और ऐसा हुआ भी वैसे प्रेडिक्शन का बड़ा रोल होता है
CAA को समझें
सब जगह जैसे ही मैंने एक आर्टिकल पढ़ा कि एक एस्ट्रोलॉजर ने 2018 में प्रिडिक्ट कर दिया था कि 2019 में आर्टिकल 370 हटा दिया जाएगा वैसे ही 2019 में जब किसी को एक दिन पहले तक ये नहीं मालूम था कि ऐसा कुछ होने वाला है
आज के मेन सवाल पे बात करते हैं कि क्या सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट भारतीय मुसलमानों के खिलाफ है तो इस बारे में साफ कर दें कि इस कानून का भारत के मुसलमानों से कोई लेना देना नहीं है सरकार ने भी क्लियर किया कि सीएए नागरिकता देने का कानून है ना कि छीनने का और इसका भारत के नागरिकों से कोई लेना देना नहीं है कुछ लोग यह बोलकर इस कानून को भेदभाव वाला बता रहे हैं कि इस कानून में पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले सभी धर्मों के लोगों को शामिल किया गया मगर मुसलमानों को नहीं अरे भाई अगर इस बात की शिकायत है तो उसे भी क्लियर कर देते हैं और इसे समझना कोई रॉकेट साइंस नहीं है बड़ी सिंपल सी बात है पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश ये तीनों ही मुस्लिम देश हैं अब इन देशों में अगर माइनॉरिटी के साथ अत्याचार होता है वो माइनॉरिटी जो देश के बंटवारे से पहले भारत का ही हिस्सा थी तो क्या भारत का ये फर्ज बनता है कि वो इन लोगों को प्रोटेक्ट करें करें अब ऐसा तो नहीं हो सकता ना कि इन तीनों मुस्लिम देशों में रहने वाले मुसलमानों के साथ मुसलमान होने की वजह से अत्याचार किया जा रहा हो ऐसा तो है नहीं कुछ लोग ये भी आर्गुमेंट देते हैं कि मगर इन देशों में शिया और अहमदिया मुसलमानों का टॉर्चर किया जाता है तो भाई शिया और अहमदिया तो मुसलमानों का एक सेक्ट है
Citizenship Amendment Act (CAA)
सेक्शन है और सीए धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए किसी मजहब के अंदर पीड़ित लोगों के लिए नहीं लोग ये भी तर्क देते हैं कि भाई 47 में जब पाकिस्तान धर्म के आधार पर पहले ही भारत से अलग हो चुका है तो फिर 71 में उससे अलग होकर बांग्लादेश भी बन गया जो अगेन मुस्लिम कंट्री है जब पहले ही मजहब के नाम पर भारत से दो देश निकल चुके हैं तो अब इन देशों के भी मुसलमानों को भारत में अगर सिटीजनशिप दी जाएगी तो फिर भारत में अपना बंटवारा सहा ही क्यों बताइए एक सवाल ये भी पूछा जा रहा है कि क्या पहली बार इस तरह का कानून आ रहा है तो बता दूं नहीं इससे पहले दो बार ऐसे कानून आ चुके हैं आपको बता दें इस तरह का पहला कानून 1950 में तब आया था जब नेहरू जी देश के प्रधानमंत्री थे और डॉकटर अंबेडकर देश के कानून मंत्री थे उस वक्त द इमीग्रेंट एक्ट लाया गया था उस कानून को लाने के दो म मकसद थे एक तो जो लोग किसी गलत इरादे से असम में घुसे थे उनकी पहचान करके उन्हें देश से बाहर निकालना और दूसरा ऐसे सिखों और हिंदुओं को भारत में रुकने की इजाजत देना जिनका धर्म के आधार पर पाकिस्तान में उत्पीड़न हुआ था और वह भारत में आ गए थे इसके बाद 2003 में वाजपेई जी की सरकार ने गुजरात और राजस्थान की सरकारों को यह खास राइट्स दिए थे कि वह पाकिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर आए हिंदुओं और सिखों को भारत की नागरिकता दें
Citizenship Amendment Act Hindi (CAA)
आपको बता दें सीए को लेकर नोटिफिकेशन आने के बाद कोई भी एलिजिबल आदमी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन अप्लाई कर सकता है खबर आने के बाद से इस फैसले पर सबसे ज्यादा स्वागत पश्चिम बंगाल की मतवा कम्युनिटी कर रही है फैसला आने के बाद से ये लोग लगातार सेलिब्रेट कर रहे हैं ये वो कम्युनिटी है जो बेसिकली पूर्वी पाकिस्तान से बिलोंग करती है और बांग्लादेश बनने के बाद ये लोग भारत आए थे आपको जानकर हैरानी होगी कि पश्चिम बंगाल में मधुआ कम्युनिटी के 30 लाख लोग हैं जी हां 30 लाख लोग अभी तो हमने सिर्फ एक कम्युनिटी की बात की है पूरे देश में ऐसे कितने शरणार्थी होंगे जो पाकिस्तान और बांग्लादेश से भागकर भारत आए होंगे इसका आप सिर्फ अंदाजा लगा सकते हैं ये देखकर सच में बड़ी हैरानी होती है कि जब 2019 में सीएए कानून पास हुआ था तब भी बड़े लेवल पर लोगों ने इसे बिना समझे एंटी मुस्लिम अनाउंस कर दिया था देश में इसे लेकर बवाल बहुत ज्यादा हुआ था 100 से ज्यादा लोग उन प्रदर्शनों में मारे गए और हुआ क्या हुआ
यह कि इसका सबसे ज्यादा नुकसान उन नॉन मुस्लिम्स को हुआ जो इतने सालों से भारत की नागरिकता का वेट कर रहे थे दोस्तों हमें ये समझना होगा कि दुनिया में बहुत सारे रिलीजस कई देशों में फैले हुए हैं उन धर्मों के लोग उन देशों में रह रहे हैं मगर हिंदू हो सिख हो जैन हो या पारसी हो ये वो लोग हैं जिनका असल घर भारत है अगर पाकिस्तान या बांग्लादेश में हिंदू बच्चियों के साथ लगातार जुल्म हो रहे हैं आए दिन उन्हें कन्वर्ट किया जा रहा है और यह लोग सोशल मीडिया पर भारत से खुद को बचाने की अपील कर रहे हैं तो क्या हम चुपचाप य सब देखते रहे उधर तो कह नहीं सकते हम हमको दुख होता है होली करते किसी प रंग गिर जाता मुसलमानों प तो मुसलमान हमको मारने ड़ते थे आज हम विश्व गुरु बनने का ख्वाब देख रहे हैं दुनिया में हमारा रसूल भी बढ़ाए मगर ऐसे रसूक का ऐसी ताकत का क्या फायदा जब हम अपने ही मूल निवासियों को ना बचा पाएं उन्हें शरण ना दे पाएं हैरानी इसलिए भी है कि सीए के जरिए हिंदुओं और सिखों को भारत में लाने का इनडायरेक्ट विरोध वो लोग कर रहे हैं
जिन्होंने ना जाने कितने लाख रोहिंग्या हों को गैर कानूनी तरीके से भारत में बसा दिया है वो रोहिंग्या जिनका ना जाने कितने अपराधों में नाम सामने आया है इसलिए जो भी लोग सीए का विरोध कर रहे हैं या कर रहे थे उन्हें यह बात अच्छे से समझ लेनी चाहिए कि किसी अफवाह के बहकावे में आकर वो उन लोगों पर जुल्म ना कर करें जिनके लिए भारत ही एकमात्र सहारा है अगर हम भी इन लोगों को पनाह नहीं देंगे तो उन लाखों बच्चियों का नौजवानों का वही हश्र होगा जो आज तक इन देशों में होता आया है उम्मीद है हमने इस मामले पर एक-एक पहलू अच्छे से आपके सामने रख दिया होगा बाकी आपकी इस मामले पर क्या राय है कमेंट करके जरूर बताना या अब भी इसे लेकर कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में उसे पूछ सकते हैं
🙏🙏धन्यवाद 🙏🙏
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