सिर्फ कार्यकर्त्ता के लिए आवश्यक सुचना sahara india refund portal-sahara india refund portal status
Sahara india ka paisa kab milega :दोस्तों आज का यह आर्टिकल मे सहारा के पीड़ित निवेशकों का आंख खोलने वाला है अगर आप अभी तक किसी भ्रम में हैं कि सहारा मैनेजमेंट और मोदी सरकार आपका भुगतान करने जा रही है तो आप यह गलतफहमी अपने दिलो दिमाग से निकाल दीजिए आज मैं कुछ ऐसे साक्ष्य आपके सामने प्रस्तुत करूंगा जिससे कि यह साबित हो जाएगा कि सहारा मैनेजमेंट और मोदी सरकार दोनों आपस में मिले हुए हैं और दोनों की ही मंसा है कि सहारा के पीड़ित निवेशकों का भुगतान लटका दिया जाए नहीं किया जाए बल्कि जो भी पैसा सहारा का जप्त किया गया है उसे भी हड़पने की मंसा सरकार की है और सहारा के पास जो पैसा है वह तो सहारा के पास अरबों रुपए की संपत्ति है तो दोस्तों साथ ही साथ हम लोग बात करेंगे कि अगर आपको लगता है कि मेरी बातें सही है सच है तो 12 तारीख को जो आंदोलन हो रहा है आप उसमें शामिल होने की सोच सकते हैं आंदोलन क्या है कब है कैसे है उसकी हम लोग बात करेंगे और साथ ही साथ 12 दिसंबर को रा 12 दिसंबर माफ कीजिएगा 12 तारीख यही 12 मार्च को रामलीला मैदान में मोदी जी सहारा के पीड़ितों को संबोधित करने वाले ऐसा दावा बीजेपी की एक अनुस इकाई जो दावा करती है कि वह सहारा के पीड़ितों की लड़ाई लड़ रही है ठगी पीड़ितों की लड़ाई लड़ रही है
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वह दावा कर रही है कि उसका जो आंदोलन 12 तारीख को रामलीला मैदान में आहूत है उसमें मोदी जी शामिल होंगे और सहारा के पीड़ितों के भुगतान की गारंटी देंगे तो क्या है अपडेट उसको लेकर आज हम लोग बात करेंगे तो तो दोस्तों अगर आप लोगों ने अभी तक हमारे चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया है तो प्लीज सब्सक्राइब कर लीजिए सबसे पहले हम लोग बात कर लेते हैं कि किस प्रकार से सहारा मैनेजमेंट और सरकार दोनों में दोनों ही आपस में मिली हुई है और आम जनता को बेवकूफ बनाने का काम कर रही है आप लोगों को पता है कि चार पांच दिन पहले जो सहारा का हॉस्पिटल लखनऊ का था जो नीलाम हुआ था जिसके ऊपर काफी देनदारी थी और नीलामी प्रक्रिया के बाद चूंकि उसे बेच दिया गया और जो पैसा मिला उसका भुगतान देनदार को किया गया इस बीच जब उसका एनओसी लेने के लिए लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी मतलब जो वहां नगर निगम का विभाग है उसके पास जब ट्रांसफर करने का कागज गया तो उसने लैंड पेपर की जांच की और उसने पाया कि जिस समय सहारा मैनेजमेंट को यह जमीन अलॉटमेंट की गई थी उस समय मार्केट रेट से बहुत ही कम दर में बहुत ही कम मूल्य पर उसका अलॉटमेंट हुआ था
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मतलब उस समय भी सहारा ने धोखाधड़ी की थी और सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व का चूना लगाया था सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था करोड़ों के अरबों रुपए का अब जब लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी के पास ट्रांसफर का जब पेपर गया तो जांच में पकड़ाया कि उस सहारा ने लगभग 17 करोड़ रुपए का भुगतान कम किया ऐसे में उसने नोटिस जारी किया कि अगर यह जो नीलामी प्रक्रिया के बाद जो ट्रांसफर की प्रक्रिया चल रही है अगर उसे सुचारू रूप से चलाना है तो जो पूर्व में जो सहारा के द्वारा फ्रॉड की गई थी उसकी भरपाई उसकी क्षतिपूर्ति करनी होगी तभी जाकर यह ट्रांसफर किया जाएगा तो उसके अवज में तुरंत सहारा मैनेजमेंट ने 17 करोड़ रुपए का भुगतान एलडीए मतलब लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी को कर दिया मैं यह बात आपको इसलिए बत बता रहा हूं कि जब भी आपके भुगतान की बात आती है जब भी सहारा पीड़ितों के भुगतान की बात आती है तो कोर्ट में यह एक प्ली लिया जाता है यह एक बहाना बनाया जाता है सहारा मैनेजमेंट के द्वारा कि उस पर एंबार्गो लगा हुआ है और वह भुगतान करने के लिए सक्षम नहीं है एक रुप का भी भुगतान सहारा नहीं कर सकता है
लेकिन जब भुगतान करने का समय आता है अपने फायदे के लिए तो 17 करोड़ रुपए तक का भुगतान सहारा मैनेजमेंट कर दे रहा है सोच लीजिए आपका ₹ लाख रप का भुगतान नहीं हो रहा है और सहारा मैनेजमेंट यहां 117 करोड़ रुपए का भुगतान एक बार में कर दे रहा है यह तो पहली बार हुई अब दूसरी बात हो रही है कि दिल्ली 00 कोर्ट में जब नॉन अवेलेबल वारंट जारी होता है सहारा के टॉप मैनेजमेंट स्वपना राय ओपी सिंह अलक्ष सिं केस जैसे 14 टॉप मैनेजर्स के खिलाफ जब दिल्ली 3 हज नॉन वेलेबल वारंट इशू करता है तब वह लोग एंटीसिपेटरी बेल के लिए आते हैं
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और वहां सेटलमेंट के रूप में ₹ लाख रप का भुगतान वहां सहारा मैनेजमेंट इसलिए करता है क्योंकि उनकी गिरफ्तारी ना हो और यहां पर भी एंबार्गो बीच में नहीं आता है और सहारा मैनेजमेंट आराम से ₹ लाख रुप का भुगतान करके अपनी जान बचा रहा है तो यह दो ऐसे एग्जांपल है जिसमें सहारा मैनेजमेंट के झूठ की पोल खुल जा रही है कि किस प्रकार सहारा मैनेजमेंट आपके भुगतान की जब बारी आती है तो एंबार्गो का बहाना बना दिया जाता है अब मैं तीसरी बात कर रहा हूं आप मैं साबित करता हूं कि किस प्रकार केंद्र सरकार और सहारा मैनेजमेंट आपस में मिले हुए हैं आपको पता है कि कुछ दिनों पहले सहारा प्रमुख सुब्रत राय की मृत्यु मुंबई में हो गई थी उसके बाद उनका दा संस्कार हुआ दिसंबर महीने में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक लखनऊ में सहारा सिटी में जाकर सुब्रत राय की पत्नी स्वपना राय से मुलाकात करते हैं जब मुलाकात के बारे में पूछा जाता है तो कहा जाता है कि यह एक कट सी भेट थी मतलब ना देने के लिए यह मुलाकात हुई थी अब आप यह सोचिए जी स्वपना राय के खिलाफ बहुत सारे कम से कम 100 से 200 कोटों के द्वारा नॉन वेलेबल वारंट जारी हो चुके हैं
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समन जारी हो गए हैं कोर्ट में पुलिस आकर बोलती है कि उन कहीं नहीं मिल रही है और कुर्की का आदेश निकल जाता है उन्हें एब्सकंडर आपको कुछ दिनों पहले मैंने एक वीडियो बनाया था कि उत्तर प्रदेश के एक कोर्ट ने स्वपना राया और ओपी सिंह को अंडर मतलब फरार घोषित कर दिया है क्योंकि वह लोग तारीख पर हाजिर नहीं हो रहे थे और पुलिस ने कहा कि वह लोग कहीं मिल नहीं रहे हैं मतलब इस एक प्रकार से एक फरार अपराधी के साथ देश के रक्षा मंत्री उसके आवास पर जाकर मिल रहे हैं और यहां पर जब कोर्ट में बारी आती है तो कह दिया जाता है कि व कहीं मिल नहीं रहे हैं पुलिस ऐसा स्टेटमेंट दे देती है तो यहां आप साफ देख रहे हैं कि जिसे कोर्ट ने एस कोंडर करार दिया है फरार घोषित कर दिया है उसके साथ मोदी सरकार के रक्षा मंत्री जाकर उसके आवास पर मिल रहे हैं तो इससे क्या साबित होता है कि सरकार और मैनेजमेंट सहारा मैनेजमेंट दोनों आपस में मिले हुए हैं और मूर्ख कौन बन रहा है तो आम निवेशक जिसका भुगतान ना तो सरकार कर रही है और ना सहारा मैनेजमेंट कर रही है जब सहारा मैनेजमेंट को भुगतान करने का आदेश होता है तो एंबार्गो का बहाना बनाता है और जब सरकार को भुगतान करने कहा जाता है
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तो सरकार बोलती है कि पोर्टल के माध्यम से हम भुगतान कर रहे हैं और पोर्टल की स्थिति यह है कि एक एक करोड़ 21 लाख लोगों ने आवेदन किया है और मात्र दो लाख लोगों का भुगतान हुआ है तो यह 99 पर से ज्यादा लोगों का डिफिशिएंसी करके रिजेक्ट किया जा रहा तो किस प्रकार से यह ठगी का बेवकूफ बनाने का काम आम जनता को किया जा रहा है अब हम लोग आते हैं तीसरे मुद्दे पर जो कि है आंदोलन का रास्ता आप लोगों को पता है कि विश्व भारतीय जन सेवा संस्थान संस्थान ने सुप्रीम कोर्ट में एक रीट याचिका दाखिल की है सहारा की सभी कोऑपरेटिव सोसाइटी और सभी कंपनियों के सभी निवेशकों के भुगतान के लिए इसी संगठन ने 12 मार्च को रांची में केंद्र सरकार के विरोध जन आक्रोश रैली का आयोजन किया है मैं आप लोगों से निवेदन करता हूं कि यदि आप सक्षम है आप उस दिन उस रैली में शामिल हो सकते हैं तो आप 12 मार्च को रांची पहुंचकर उस रैली का सहभागी बने और रैली को सफल बनाने का प्रयास करें यह तो बात हो गई रांची में 12 मार्च को होने वाली रैली को लेकर अब एक और रैली मदन लाल आजाद जो कि दावा करते हैं कि वह भारत के सभी ठगी पीड़ की आवाज बुलंद करने वाले हैं 40 करोड़ ठगी पीड़ितों की लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन अब उनकी सच्चाई सामने आ चुकी है कि वह एक बीजेपी के कार्यकर्ता हैं चलिए वह कार्यकर्ता ही सही उन्होंने 12 मार्च को ही दिल्ली में दिल्ली के रामलीला मैदान में एक बड़ी रैली आयोजित की है उनका दावा है कि उस दिन उस रैली में प्रधानमंत्री मोदी शामिल होंगे और सहारा पीड़ितों के अलावा सभी को कोऑपरेटिव सोसाइटी के ठगी पड़तो के भुगतान का आश्वासन देंगे भुगतान की गारंटी देंगे तो दोस्तों 12 तारीख में बहुत देरी नहीं है दो दिन की बात है
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हम लोग इंतजार कर लेते हैं कि आखिर मोदी जी 12 तारीख को दिल्ली के रामलीला मैदान में किस प्रकार से भुगतान की गारंटी देते हैं अब आपको निर्णय लेना है कि आपको मोदी जी की गारंटी पर जाना है या फिर कोर्ट के रास्ते भुगतान लेना है या फिर दूसरे अन्य आंदोलन से भुगतान लेना है मैंने आपको स्पष्ट दिखाया कि किस प्रकार सहारा भुगतान करने में सक्षम है लेकिन करना नहीं चाहती है केंद्र सरकार और सहारा मैनेजमेंट दोनों मिले हुए हैं यह भी मैंने आपको बताया और साथ ही साथ मैंने बताया कि आने वाले दिनों में कहां-कहां पर सहारा मैनेजमेंट और सरकार के खिलाफ आंदोलन होने वाले हैं उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी
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